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THE VICE-CHAIRMAN (SHRI BHUBANESWAR KALITA)



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THE VICE-CHAIRMAN (SHRI BHUBANESWAR KALITA): It will not go on record. I will take a look. ...(Interruptions)...
* Expunged as ordered by the Chair.

डा0 प्रभा ठाकुर : क्या यहां संत का नाम भी नहीं लें? मैं यह कह रही हूं कि हमारे अरबपति संत * वहां पधारे।......(व्यवधान) मेरी बात तो सुनिए। उनके वहां जाने के कारण......(व्यवधान)

श्री एम0 वेंकैया नायडु : देश में करोड़पति कौन है......(व्यवधान)

डा0 प्रभा ठाकुर : उनके जाने से पता लगा कि स्वामी नित्यानंद जी वहां इतने दिन से अनशन कर रहे थे, इसका तभी पता लगा।......(व्यवधान)

श्री एम0 वेंकैया नायडु : आप रिकार्ड से हटा दीजिए।......(व्यवधान)

श्री धर्मेंद्र प्रधान : करोड़पति बाबा * का नाम यहां क्यों आया?......(व्यवधान)

श्री एम0 वेंकैया नायडु : वे तो योग गुरू हैं, पूरा देश जानता है।......(व्यवधान)

डा0 प्रभा ठाकुर : सर, उत्तराखंड के महान अरबपति स्वामी जी यहां तक अपना परचम लहराते हुए चले आए थे आग में घी डालने के लिए, जब दिल्ली में विद्यार्थी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे दामिनी के मामले में। हमने सोचा कि कोई दवा लेकर आएंगे उस बच्ची के लिए। लेकिन वे आग में घी डाल गए।......(व्यवधान) अगर उस समय वे उत्तराखंड में यह जागृति लाते, सरकार को एक चेतावनी देते कि इस तरह का अवैध खनन मत कीजिए, क्योंकि कल को इस तरह की कोई प्राकृतिक आपदा एक आफत के रूप में कहर बनकर टूट सकती है, जिसका अंजाम हमें अभी देखने को मिला।......(व्यवधान) मैं अगर असत्य कह रही हूं तो बतला दीजिए।
* Expunged as ordered by the Chair.

श्री भगत सिंह कोश्यारी : आप चेलेंज कर रही हैं।......(व्यवधान)

डा0 प्रभा ठाकुर : सर, मैं आपदा पर ही बात कर रही हूं।.....(व्यवधान)

उपसभाध्यक्ष (श्री भुवनेश्वर कालिता) : उनको बोलने दीजिए, हम देख लेंगे अगर कोई ऐसा है।......(व्यवधान)

डा0 प्रभा ठाकुर : सर, जिस तरह से नेता और उत्तराखंड की आम जनता भी सेवा में लगी थी, उसी तरह से पूरे देश के लोग चाहे सरकारी हों, गैर सरकारी हों, एन0जी0ओज0 हों, सबने अपनी-अपनी यथासंभव सहायता वहां भेजी। इसमें किसी ने कोई भेदभाव नहीं किया। तो आज हम उम्मीद करते हैं कि जो जहां के महात्मा हैं, सन्यासी हैं, उनका तो यह सबसे पहला धर्म है कि वे मानवता की रक्षा करें, इंसानों की रक्षा करें और ऐसा संदेश दें, ऐसी हम उनसे उम्मीद करते हैं। महोदय, आपको बुरा लगता है इसलिए मैं ज्यादा इस बारे में नहीं कहूंगी। महोदय, मैं कांग्रेसनीत यू0पी00 सरकार को बधाई देना चाहूंगी कि जैसे ही वहां की गंभीरता की स्थिति की जानकारी यहां मिली, माननीय प्रधान मंत्री जी, माननीया यू0पी00 अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी स्वयं गए, वहां जाकर उन्होंने दौरा किया, हालात का जायजा लिया। वहां राहुल गांधी जी भी गए और हमारे गृह मंत्री जी भी वहां गए। हमारे रक्षा मंत्री जी हैं या हमारे गृह मंत्री जी हैं, जो लोग वहां विपदा में फंसे हुए थे, उन्हें बचाने के लिए उन्होंने सारे संसाधन झोंक दिए। चाहे वह एयर फोर्स रही हो, चाहे बी0एस0एफ0 रही हो, हमारे कई जवान भी उनको बचाते हुए, उनकी जीवन रक्षा करते हुए शहीद हो गए। जिनको हम प्रणाम करते हैं, नमन करते हैं जिन्होंने यह कार्य करते हुए अपनी शहादत दे दी। कुछ अधिकारियों का भी वहां पर सहायता कार्य में रहते हुए बलिदान हो गया। वहां के ग्रामीणों ने कोई भेदभाव नहीं किया कि जो उत्तराखंड का है उसी को ही बचाएं तथा जो बाहर के प्रदेश का है, उसको न बचाएं। ऐसा किसी ने नहीं सोचा। कई जगह उनके मुख्य मंत्री गए, सरकारों के लोग गए। उन्होंने भी किसी ने यह भेदभाव नहीं किया। महोदय, लेकिन मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि जब अखबार में मैंने पढ़ा कि गुजरात के माननीय मुख्य मंत्री जी ने वहां कहा कि मैं तो गुजरात के तमाम लोगों को वहां से बचा लाया।......(व्यवधान)

(3g/sc पर आगे)

-mcm/sc-sk/4.05/3g

श्री एम. वेंकैया नायडु : गुजरात के मुख्य मंत्री का नाम क्यों आ रहा है?..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : गुजरात के मुख्य मंत्री का नाम क्यों ले रही हैं?..(व्यवधान)..

SHRI M. VENKAIAH NAIDU: You have totally mismanaged the entire thing. ..(Interruptions)..

डा0 प्रभा ठाकुर : सर, इस बात को पूरा देश जानता है। ..(व्यवधान).. मैं नाम नहीं ले रही हूं।..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : आप विषय पर आइए।

डा0 प्रभा ठाकुर : मैं गुजरात के मुख्य मंत्री तो कह सकती हूं। ..(व्यवधान)..मैं नाम नहीं ले रही हूं।..(व्यवधान)..

SHRI M. VENKAIAH NAIDU: You have totally mismanaged the entire thing. ..(Interruptions)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : उन्होंने नाम नहीं लिया। ..(व्यवधान).. गुजरात के मुख्य मंत्री का नाम नहीं रहेगा। ..(व्यवधान)..But she can say, “गुजरात के मुख्य मंत्री।” उन्होंने नाम नहीं लिया।

डा0 प्रभा ठाकुर : आप मेरी बात तो सुनिए। ..(व्यवधान).. आप लोग मुझे बोलने ही नहीं दे रहे हैं। ..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : आपके राजकुमार उस समय कहां थे, उसके बारे में बताइए? ..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : उन्होंने नाम नहीं लिया। ..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : गुजरात में जब घटना घटी थी तो राजकुमार उस वक्त कहां थे? ..(व्यवधान).. यह तो बताइए।..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : मेरी बात तो सुन लीजिए।..(व्यवधान).. सर, अखबारों में पढ़ा था, टीवी पर भी देखा था, आपने भी पढ़ा होगा, उन्होंने ..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : अखबार में यह भी छपा था कि आपके राजकुमार उस समय विदेश घूम रहे थे।..(व्यवधान)..

श्री तरुण विजय : इस तरह से उनके ज़ख्मों पर नमक मत डालिए।..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : मैं तो यह कह रही हूं कि हमारी जो सेना वहां गई, उसने तो किसी को पूछ-पूछकर नहीं बचाया। ..(व्यवधान)..

श्री तरुण विजय : आप गायत्री परिवार की महानता के बारे में बोलें, जिन्होंने उनकी सेवा की।..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : हमारे राजस्थान के मुख्य मंत्री भी वहां गए, चार दिन वहां रहे। उन्होंने यह पूछकर तो नहीं बचाया कि कोई राजस्थानी है क्या? ..(व्यवधान).. इंसानियत का सवाल होता है। और भी जगहों के मुख्य मंत्री वहां गए होंगे।..(समय की घंटी).. किसी ने भी यह सवाल नहीं उठाया, लेकिन गुजरात के मुख्य मंत्री जी ने श्रेय लिया कि मैं गुजरातियों को बचा लाया।..(व्यवधान).. क्या पूछा था,तुम गुजराती हो, आओ, बैठ जाओ और अगर नहीं हो तो यहीं रहो।..(व्यवधान).. जीयो चाहे मरो, पर यहीं रहो। ..(व्यवधान).. सर, यह सच्चाई है।..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : आपके राजकुमार उस समय कहां थे? ..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : अब समाप्त कीजिए।

डा0 प्रभा ठाकुर : यह सच्चाई है। आज वे देश की बात कर रहे हैं। ..(व्यवधान)..

श्री भगत सिंह कोश्यारी : आप यह बताइए कि आपके मुख्य मंत्री वहां स्थिति..(व्यवधान).. वे रेस्क्यू नहीं कर पा रहे थे। ..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : आपका टाइम पूरा हो चुका है।

श्री भगत सिंह कोश्यारी : हमारे गुजरात के मुख्य मंत्री, मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री ..(व्यवधान).. इन लोगों ने भी कहा।..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : आज वे पूरे देश की बात कर रहे हैं। ..(व्यवधान).. महोदय, यह कड़वी सच्चाई है। ..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : अब समाप्त कीजिए, आपका टाइम पूरा हो चुका है।

श्री धर्मेंद्र प्रधान : आपके राजकुमार तो विदेश में सैर कर रहे थे। ..(व्यवधान).. आपके राजकुमार कहां थे, यह बताइए? ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : सर, वहां से ये लोग रोज़ प्रश्न काल तक नहीं चलने देते..(व्यवधान).. ये लोग प्रश्न काल भी नहीं चलने देते। ये कोई सच्ची बात नहीं सुन सकते..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : अब कनक्लूड कीजिए।

श्री धर्मेंद्र प्रधान: आपके राजकुमार कहां घूम रहे थे? ..(व्यवधान).. वे वहां क्या कर रहे थे? ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : ये लोग सच्ची बात क्यों नहीं सुन सकते? जो सच्ची बात है, उसे भी सुनो। ..(व्यवधान).. उसका भी समर्थन करें..(व्यवधान)..

THE VICE-CHAIRMAN (SHRI BHUBANESWAR KALITA): Your time is over. Please conclude. ..(Interruptions)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : वे कितने दिन के बाद आए? ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : मैं अपनी सरकार को..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : आपके राजकुमार कहां थे? ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : आप चुप रहिए। ..(व्यवधान).. आपके मुख्य मंत्री कहां थे?

श्री धर्मेंद्र प्रधान : * कहां घूम रहे थे? ..(व्यवधान)..वे कहां घूम रहे थे? ..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : आपका टाइम पूरा हो गया है, अब समाप्त करें।

डा0 प्रभा ठाकुर : मैं बता रही हूं ..(व्यवधान)..

श्री प्रवीण राष्ट्रपाल : उन्हें क्या बोलना है, वह तुम नहीं बता सकते? ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : * का गुनाह कम हो जाएगा..(व्यवधान)..गुजरात के मुख्य मंत्री की बात दब जाएगी? ..(व्यवधान).. क्या गुजरात के मुख्य मंत्री का गुनाह कम हो जाएगा?..(व्यवधान)..
* Expunged as ordered by the Chair.

श्री प्रवीण राष्ट्रपाल : आप लोग.....(व्यवधान)..आप इस तरह के लोग हैं।..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : गुजरात के मुख्य मंत्री की क्या ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : गुजरात के मुख्य मंत्री अब देश की बात कर रहे हैं..(व्यवधान)..

श्री प्रवीण राष्ट्रपाल : वे सही कह रही हैं।..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : अब वे देश की बात कर रहे हैं? ..(व्यवधान).. किस मुंह से वे यह बात कर रहे हैं?..(व्यवधान)..अब वे देश की बात कर रहे हैं?

SHRI PRAVEEN RASHTRAPAL: Allow her to talk. ..(Interruptions).. Keep quiet. ..(Interruptions).. Let her talk. ..(Interruptions)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : आपके राजकुमार विदेश में कितने दिन रहे?..(व्यवधान).. THE VICE-CHAIRMAN (SHRI BHUBANESWAR KALITA): Please conclude. ..(Interruptions).. Speak on the point. ..(Interruptions)..

डा0 प्रभा ठाकुर : ऐसे भेदभाव करने वाले क्या देश को देंगे और क्या वे देश का भला करेंगे?..(व्यवधान)..

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : आपका टाइम समाप्त हो चुका है। अब कनक्लूड करें।

डा0 प्रभा ठाकुर : मैं सरकार से यह कहूंगी कि ..(व्यवधान)..कई लोग बिना मंशा भी बोल रहे हैं।..(व्यवधान)..

श्री धर्मेंद्र प्रधान : वे विदेश में क्यों गए थे? ..(व्यवधान)..

श्री भगत सिंह कोश्यारी : आप उनकी प्रशंसा नहीं कर रहीं..(व्यवधान).. आप उनकी निंदा कर रही हैं।..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : सारे अखबारों में आया था..(व्यवधान)..सारे अखबारों में आया था..(व्यवधान)..

श्री भगत सिंह कोश्यारी : हजारों-लाखों लोगों की जान..(व्यवधान).. आप उनकी निंदा कर रही हैं? ..(व्यवधान)..

THE VICE-CHAIRMAN (SHRI BHUBANESWAR KALITA): Please address the Chair. आप लोग इस तरह से नहीं कर सकते। अब आप समाप्त कीजिए, आपका समय समाप्त हो गया है।

डा0 प्रभा ठाकुर : सर, मैं आपका प्रोटेक्शन चाहती हूं, ये लोग मुझे बोलने नहीं दे रहे हैं। यह क्या बात है? जब वे बोलते हैं तो हम चुप रहते हैं, लेकिन जब हम बोलते हैं तो वे लोग क्यों बोलने लगते हैं? ..(व्यवधान).. यह गलत बात है।

उपसभाध्यक्ष ( श्री भुवनेश्वर कालिता) : आप बोलिए। ..(व्यवधान).. आपका समय समाप्त हो चुका है। आप अपनी बात खत्म कीजिए। ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : वे भी जानते हैं कि यह सही बात है, लेकिन फिर भी वे विरोध कर रहे हैं।..(व्यवधान)..

श्री राम कृपाल यादव : सच्ची बात आपको कड़वी क्यों लग रही है? ..(व्यवधान)..

डा0 प्रभा ठाकुर : अंत में, मैं हमारी सरकार से और उत्तराखंड की सरकार से इतना ही कहूंगी कि वहां पर जो लोग भी आपदाग्रस्त हुए हैं, उन तक पूरी मदद पहुंचे। उत्तराखंड में जो गांव के गांव तबाह हुए हैं, उनको फिर से ठीक तरीके से बसाया जाए, उनकी पूरी सहायता हो। मुझे पूरा विश्वास है कि माननीया श्रीमती सोनिया गांधी जी के मन में जो करूणा है और हमारे प्रधान मंत्री जी की जो भावना है..(व्यवधान).. उन्होंने वहां पर पूरा ध्यान दिया है और बहुत बढ़-चढ़कर वहां काम किया। इसी तरह से वे आगे भी उनकी रक्षा और सुरक्षा के लिए काम करेंगे। वहां पर अच्छे रास्ते हों, अच्छी व्यवस्थाएं हों इस पर वे और अधिक ध्यान देंगे। धन्यवाद।

(समाप्त)



(3एच-जीएस पर आगे)

-SC/YSR-GS/4.10/3H

SHRI M. VENKAIAH NAIDU: Sir, the entire country is watching us. Uttarakhand disaster is a massive disaster. It has affected all the States. That being the case, if you drag politics into that and call the name of this Chief Minister or that Chief Minister, then naturally there will be objections. I request the Chair ...(Interruptions)... to say that no names should be taken. ...(Interruptions)...

डा. प्रभा ठाकुर : सर, ये पूरे दिन राजनीति करते हैं। ...(व्यवधान)...सर, प्रश्न काल नहीं चलने देते हैं। ...(व्यवधान)...

THE VICE-CHAIRMAN (SHRI BHUBANESWAR KALITA): The speaker has not taken any name. She might have said ‘Chief Minister’ but she has not taken any name. ...(Interruptions)...

SHRI M. VENKAIAH NAIDU: Then somebody may say ‘Congress President’. Is it okay? Or its Vice-President. ...(Interruptions)...

THE VICE-CHAIRMAN (SHRI BHUBANESWAR KALITA): If any name is taken,...(Interruptions)...

SHRI M. VENKAIAH NAIDU: The debate should serve its purpose rather than scoring political points. ...(Interruptions)...

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