Papers laid on the table


DEMAND FOR TAKING STEPS FOR THOROUGH CLEANING OF RIVER HINDON SO AS TO MAKE ITS WATER FIT FOR DRINKING



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DEMAND FOR TAKING STEPS FOR THOROUGH CLEANING OF RIVER HINDON SO AS TO MAKE ITS WATER FIT FOR DRINKING
श्री नरेन्द्र कुमार कश्यप (उत्तर प्रदेश) : महोदय, हिंडन नदी गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश की बहुत ही प्रतिष्ठित नदियों में से एक होती थी, जिसके कारण गाजियाबाद शहर की शोभा एक नया आयाम पूरा करती थी। यह नदी कालूवाला, सहारनपुर से निकल कर ग्रेटर नोएडा तक अपने शीतल एवं निर्मल जल से व्यक्तियों व कृषि की प्यास बुझाती रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह नदी लुगदी और कागज के कारखानों, आसवनियों और चीनी मिलों से बहुत अधिक मात्रा में निकलने वाले गंदे पानी व रसायनों के कारण तथा नदी के दोनों तरफ बसी हुई सघन आबादी से आने वाले सीवरेज से बेहद दूषित हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भी यह सूचित किया गया कि इस नदी का जल गुणवत्ता के आकलन के बाद घुलनशील ऑक्सीजन, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड, टोटल कॉलीफार्म और फीकल कॉलीफार्म के सम्बन्ध में मानदंड को पूरा नहीं कर रहा है। इसका जल पारंपरिक शोधन के पश्चात् भी पीने के प्रयोजन हेतु उपयुक्त नहीं है। यहाँ तक कि प्रदूषण की मात्रा इतनी अधिक हो गई है कि अब इस जल का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जाना उपयुक्त नहीं है।

प्रति वर्ष पूर्वांचल के लाखों लोग इस नदी में छठ पूजा करते हैं और उनकी परंपरा के अनुसार सूर्य को अर्घ्य देकर स्नान करने की रीति है। परंतु हिंडन नदी का जल इतना प्रदूषित है कि अब तो पूर्वांचल के लाखों आस्थावान लोग अपने पर्व को भी मान्यताओं के अनुसार नहीं मना पाते।

अत: मैं आपके माध्यम से सरकार से आग्रह करता हूँ कि जिस प्रकार हरिद्वार, वाराणसी एवं गढ़मुक्तेश्वर आदि में गंगा, यमुना की सफाई व सुरक्षा पर ध्यान देकर जल को पीने योग्य बनाने का सकारात्मक प्रयास हुआ है, उसी प्रकार से हिंडन नदी की सफाई व सुरक्षा का समुचित प्रबंध करके इसके जल को पीने योग्य बनाया जाए।

(समाप्त)

KSK/9E

DEMAND FOR INTERLINKING OF RIVERS AND NATIONALISATION

OF INTER-STATE RIVERS IN COUNTRY

SHRIMATI SASIKALA PUSHPA (TAMIL NADU): Sir, there can be no two opinions that water is very essential for human survival. Experts have said that by 2030, the demand for water will exceed supply by 50 per cent in some developing countries.

As far as India is concerned, water scarcity is a perennial problem during summer months. It is not only Tamil Nadu that is facing water crisis, but several other States are also facing this problem. At the same time, we are not able to channelize the excess water due to recurrent floods, in some other parts of the country.

To tackle this problem, the Government of Tamil Nadu, under the able guidance of Makkal Mudhalvar, Dr. Puratchi Thalaivi Amma, has been urging the Government of India to implement the interlinking of the rivers namely, Mahanadhi-Godavari-Krishna-Pennar-Palar-Cauvery and also diversion of waters of the west-flowing rivers of Pamba and Achankovil to Vaippar in Tamil Nadu under the Peninsular Rivers Development Component.

The Government of Tamil Nadu has also requested that inter-State rivers should be nationalised so that water resources of the country could be optimally utilised.

Hence, I urge upon the Government of India that the rivers may be interlinked and inter-State rivers may be nationalised to tackle the constant drought and flood problem, that the country is facing currently. (Ends)

9F/SCH

Demand for instituting guru Balmiki award to honour sports coaches in the country.

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श्री विशम्भर प्रसाद निषाद (उत्तर प्रदेश) : महोदय, मैं आपका ध्यान एक विशेष महत्वपूर्ण विषय की ओर दिलाना चाहता हूं। भारतीय संस्कृति मे गुरु बाल्मीकि त्रेता युग के सर्वश्रेष्ठ गुरु माने गए हैं, जिन्होंने भगवान श्रीराम द्वारा सीता जी का परित्याग करने के बाद, अपने आश्रम में सीता को शरण दी तथा उन्हीं के आश्रम में भगवान श्रीराम के दो पुत्रों, लव एवं कुश का जन्म हुआ, तब एक अच्छे गुरु के रूप में उन्होंने उन्हें शिक्षा-दीक्षा प्रदान की। जब भगवान श्रीराम द्वारा संपन्न अश्वमेध यज्ञ के पश्चात अश्व को छोड़ा गया, तो उसे लव एवं कुश द्वारा रोकने का काम किया गया था, तथा उनकी चतुरंगिणी सेना व समस्त योद्धाओं को चुनौती देकर गुरु बाल्मीकि द्वारा प्रदान की गई अस्त्र-शस्त्र विद्या का प्रदर्शन किया था, जिससे श्रीराम की सेना को हार माननी पड़ी थी।

इसी तरह वीर एकलव्य ने द्वापर युग में द्रोणाचार्य जी द्वारा धनुर्विद्या सिखाने से मना करने के उपरांत भी गुरु के प्रति आस्था और विश्वास प्रकट करते हुए, उनकी मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर धनुर्विद्या का अभ्यास किया था। एकलव्य उस युग के सबसे बड़े धनुर्धर माने गए हैं, इसलिए उनके नाम पर भी खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार दिया जाना चाहिए।

भगवान श्रीराम के दोनों पुत्रों, लव एवं कुश का पालन-पोषण करने वाले तथा अस्त्र-शस्त्र विद्या सिखाने वाले त्रेता युग के सर्वश्रेष्ठ गुरु बाल्मीकि जी के नाम पर कोच को सम्मानित करने हेतु, 'गुरु बाल्मीकि पुरस्कार' प्रदान किया जाना चाहिए।

महोदय, मैं सभापीठ के माध्यम से केन्द्र सरकार से मांग करता हूं कि कोच को सम्मानित करने हेतु 'गुरु बाल्मीकि पुरस्कार' प्रदान किया जाए, जिससे देश में खिलाड़ियों तथा कोच को प्रोत्साहन मिल सके। धन्यवाद।

(समाप्त)

MR. DEPUTY CHAIRMAN: Shri Ahmed Patel is not present. Shri C.M. Ramesh is not present. Shri Motilal Vora is not present. Smt. Vandana Chavan is not present. Shri Sanjay Raut is not present.

The House stands adjourned till 11.00 a.m. on Thursday, the 30th April, 2015.



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The House then adjourned at two minutes past seven of the clock

till eleven of the clock on Thursday, the 30th April, 2015

* The Report was laid on the Table of the Rajya Sabha on the 11th December, 2014.

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